You have to get into the system, to change that system.
Written by डॉ कांतेश खेतानी, 2020-06-21
मुझे और मेरे हमख्याल असंख्य चिकित्सक साथियों का दृढ़ विश्वास सदा अपने निजी चिकित्सक भाइयों की संगठित शक्ति पर रहा है। और उसी का आभास दिलाने के प्रयास से हमने UPCHAR (The United Private Clinics & Hospitals Association of Rajasthan) के गठन का सपना देखा है।
जल्द ही UPCHAR के विधिवत पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात, इसकी STATE EXECUTIVE COMMITTEE के चुनाव की योजना पर काम किया जाएगा। हम सबकी उम्मीद होगी कि जुझारू और सुलझे व्यक्तित्व इस चुनाव में भाग लें और चयनित होकर UPCHAR की गतिविधियों को ऊर्जा प्रदान करें।
ठीक इसी प्रकार का दायित्व हम सभी चिकित्सकों का हमारी STATE IMA ब्रांच की कार्यकारिणी हेतु भी बनता है। IMA, हम सभी डॉक्टर्स की मातृ संस्था है। हमारा यह दायित्व बनता है कि इसकी कार्यकारिणी का हर हाल में समय पर चुनाव हो और उसमें काबिल और निःस्वार्थ व्यक्ति चयनित होकर पदाधिकारी बनें। परंतु हमे ऐसे काबिल और निःस्वार्थ व्यक्ति दूसरों में नहीं, वरन खुद में खोजने हैं। .......हमे यह उम्मीद नहीं करनी की "कोई" चंद लोग पराक्रम, त्याग और कर्मठता के गुण लेकर IMA State ब्रांच की बागडोर संभालेंगे और डॉक्टर्स की जायज़ मांगों के लिए "यलगार" कहकर "रण" में कूद पड़ेंगे। बल्कि हमे स्वयं को ही पराक्रम, त्याग और कर्मठता का उदाहरण बनाकर प्रस्तुत करना होगा .......और इस हेतु हममें से सक्रिय और आशावान लोगों को ही, IMA State ब्रांच के आगामी चुनाव में, बिना हार-जीत या जातीय/क्षेत्रीय समीकरण की परवाह किये, भाग लेना होगा ।
हमारे डॉक्टर साथी, आज विभिन्न चिकित्सकीय संगठनों की कार्यकारिणियों में, जातीय और क्षेत्रीय राजनीति के नाम पर परोसे गए, निष्क्रिय और आपसी अहंकारों में लिप्त, राजनीतिक मनोवृति के पदाधिकारियों से त्रस्त हो चुके हैं। और अब ऐसे पदों पर, मुखर, सबको साथ लेकर चलने वाले, जुझारू मार्गदर्शकों को अपने प्रतिनिधियों के रूप में देखना चाहते हैं। अतः ऐसे लोग आगे आएं और IMA State branch की और स्थानीय चिकित्सक संगठनों की बागडोर भी अपने हाथों में लें।
चिकित्सक साथी यदि अपने पेशागत वातावरण में सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं, तो उन्हें यह समझना होगा कि उनकी जाति "चिकित्सक" है.....हर चिकित्सक उनका भाई है.......…..और दूसरे चिकित्सको से त्याग और पराक्रम की उम्मीद न रखकर उन्हें स्वयं उसका उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। याद रखिये, अंग्रेज़ी भाषा मे एक कहावत है,
"You have to get into the system, to change that system."
जय श्री विठ्ठल।