'CANNIBALISM' in Healthcare service sector.
Written by डॉ कांतेश खेतानी, 2020-06-26
अपनी ही प्रजाति के भक्षण की प्रवृति को अंग्रेज़ी भाषा मे Cannibalism कहा जाता है। अफ्रीका, अमरीका, न्यूजीलैंड और फिजी देशों की कुछ जनजातियों में यह देखा जाता है.......पर जहां भी हो, मात्र इस प्रवृति का विचार ही, किसी की भी रूह कंपा देने हेतु पर्याप्त है।
चिकित्सकीय सेवाओं के क्षेत्र में भी आपको Cannabalism का रूपक देखने को मिलेगा, जिसका आभास और अनुभव होते ही निजी चिकित्सकों की रूह तो कांपती ही है, पर उनका दिल ज्यादा रोता है।
जब प्रशानिक पदों पर आते ही उनके पेशेवर साथी उनसे बेरुखी बरतने लगते हैं, उनकी भावनाओं की कद्र नहीं करते और उनके 'स्व' को वह मान नहीं देते जिनकी वे उनसे अपने 'भावनात्मक अधिकार' में रूप में अपेक्षा करते हैं।
सरकार में बैठे नेताओं का, ये हमारे सरकारी अधिकारी साथी , स्वयं अपने व्यक्तिगत अधिकारों हेतु तो झट से विरोध कर बैठते हैं......पर कभी उन्ही सरकारी मंत्रियों को यह नहीं बताते कि एक निजी अस्पताल के मालिक की, उनके बनाये कानून, कैसी दुर्गति कर रहे हैं।
मेरे सौ-सौ सलाम उन चिकित्सकीय सरकारी अधिकारियों को, जो, चाहे कोई भी परिस्थिति हो, अपने निजी चिकित्सक भाइयों के साथ हमेशा व्यवहारिक सहयोग और सहानुभूति रखते हैं।...........
.... परंतु उन सरकारी चिकित्सकीय अधिकारियों के लिए मेरे मन से दुआ कैसे निकले जो सक्षम पदों पर रहते हुए भी, मात्र आधिकारिक प्रशंसा और प्रमोशन पाने के लिए, अपने निजी चिकित्सक भाइयों के प्रति न केवल उदासीन, पर कई बार एक दमनकारी रवैया इख्तियार करते हैं?
क्या अपने ही 'भाई' के पेशेवर स्वाभिमान की रक्षा न करके, उनपर बेवजह दंडात्मक कारवाही के आदेश पारित करके, उनकी समाज मे रुसवाई में अप्रत्यक्ष रूप से सहायक बनकर और उनकी हर पेशेवर दिक्कत पर उनके प्रति एक उदासीन और रुआबी रवैया इख्तियार करके , एक (सरकारी)चिकित्सक का दूसरे (निजी) चिकित्सक के स्वाभिमान और अस्तित्व का 'भक्षण' नहीं किया जा रहा।
जरा विचार कीजिये...........
जय श्री विठ्ठल।।